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पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सलाह

पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सलाह

भारत के अधिकांश किसान खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन कर दुग्ध उत्पादन से भी अच्छी आय करते हैं। लेकिन, ऐसे भी किसान हैं, जिनकी आजीविका ही पशुपालन से चलती है। वर्तमान में रबी की फसलों की कटाई का समय चल रहा है। 

किसान अब जायद की फसलों की बुवाई की तैयारी में जुटेंगे। अब ऐसे में आज हम पशुपालन करने वाले किसानों को गर्मी के समय पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 

पशुपालक अपने पशु को दिन में कम से कम तीन बार पीने के लिए साफ पानी दें। साथ ही, हरा चारा आहार स्वरूप अधिक खिलाएं। इसके लिए \ मूंग मक्का या अन्य हरे चारे की बुआई कर दें।

गर्मियों में पशुओं की देखभाल क्यों जरूरी ?

गर्मी के बढ़ने से मनुष्यों के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी काफी दिक्कत होती है। इसलिए, किसान भाइयों को अपने दुधारू पशुओं की सही से देखभाल करने की आवश्यकता है। 

ऐसे मौसम में अपने पशुओं की उचित देखरेख नहीं करने से सूखा चारा खाने की मात्रा दस से 30 फीसद और दूध उत्पादन में दस फीसद तक की कमी हो सकती है। इस पर विशेष ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है। 

आहार को लेकर विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सलाह 

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्मी के मौसम में दुग्ध उत्पादन और पशु की शारीरिक क्षमता बनाए रखने के लिए पशुओं में आहार का महत्वपूर्ण योगदान है। गर्मी के मौसम में पशुओं को हरे-चारे की ज्यादा मात्रा देनी चाहिए। 

पशु हरे-चारे को बड़े ही चाव से खाते हैं। इसके साथ ही इससे 70 से 90 फीसद तक पानी की मात्रा होने से शरीर में जल की पूर्ति करता है। गर्मी के मौसम में हरे चारे का अत्यंत अभाव रहता है। 

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इसके लिए किसानों को मार्च या शुरू अप्रैल माह में ही मूंग, मक्का या अन्य हरे चारे की बुआई कर दें। इससे गर्मी में भी पशुओं को हरा चारा मिलता रहे।

पशुपालकों के लिए पशुओं के आवास हेतु सलाह  

पशुपालकों को अपने पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए छांव में रखने की आवश्यकता है। इससे पशुओं पर गर्म हवाओं का सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। रात्री के दौरान पशुओं को खुले में ही रखें। 

अगर पशुओं के आवास की छत एस्बेस्टस या कंक्रीट की है तो उसके ऊपर चार से छह इंच मोटी घास- फूस रख दें। इससे पशुओं को गर्मी से निजात मिलती है। 

इसके साथ ही पशुओं को तीन से चार बार ताजा एवं स्वच्छ पानी जरूरी पिलाएं। इससे पशुओं के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही, किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर शीघ्र डॉक्टर से सलाह लें।

IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष के मानसून सीजन का आँकलन जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा वर्षा होगी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून सीजन 2024 को लेकर अपना अनुमान जारी किया है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है, कि इस बार मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बरसात होगी। 

IMD ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी साझा की है। आईएमडी का कहना है, कि मॉनसून की बारिश सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। यह अनुमान 104% प्रतिशत तक जताया गया है।

अल-नीनो की स्थिति कैसे रहेगी और इसका प्रभाव कैसे कम होगा ?

आईएमडी का कहना है, कि इस वर्ष अल-नीनो की स्थिति मध्यम रहेगी। अल-नीनो धीरे-धीरे कमजोर होगा और मॉनसून की शुरुआत तक न्यूट्रल हो जाएगा। 

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत से ला-नीना सक्रिय हो जाएगा, जो कि अल-नीनो के विपरीत प्रभाव दिखाता है।

मौसम विभाग के कहने के अनुसार अल-नीनो के प्रभाव को रोकने में इंडियन डायपोल ओशन (आईओडी) पूरी तरह सक्रिय रहेगा। 

सरल शब्दों में कहें तो, पश्चिमी हिंदी महासागर का पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में बारी-बारी से गर्म व ठंडा होना ही हिंद महासागर द्विध्रुव यानी (आईओडी) कहलाता है। इससे अच्छी खासी मात्रा में वर्षा देखने को मिलेगी। 

भारत के कुछ पूर्वी एवं अन्य इलाकों को छोड़कर, इस बार बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। जानकारी के लिए बतादें, कि शानदार बरसात के लिए आईओडी का पॉजिटिव होना आवश्यक माना जा रहा है। 

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मौसम विभाग ने अग्रिम तौर पर कहा है, कि दक्षिण-पश्चिम के प्रदूषकों के बढ़ने पर आईओडी सक्रिय होगा और इससे बारिश बढ़ेगी।

आईएमडी के अनुसार कितनी बरसात होनी है ?

आईएमडी के अनुसार, इस वर्ष 104 प्रतिशत तक बारिश होने का अनुमान है, जो कि सामान्य से ज्यादा है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अगर मानसून में बारिश 90% प्रतिशत से कम हो तो इसे कम बारिश ही माना जाता है। 

इसी प्रकार 90 से 96% प्रतिशत बारिश सामान्य से कम, 96 से 104 प्रतिशत बारिश को सामान्य, 104 से 110 प्रतिशत बारिश को सामान्य से ज्यादा और 110 से अधिक मॉनसूनी बारिश में दर्ज किया जाता है। 

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मौसम विभाग का कहना है, कि केवल उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो सब जगह सामान्य से अधिक वर्षा होगी।

सितंबर के महीने में सबसे ज्यादा वर्षा होने की भविष्यवाणी   

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून के मौसम जून से सितंबर के मध्य 106% प्रतिशत वर्षा हो सकती है। यह सामान्य से काफी अधिक है। महीने के अनुरूप इस साल मॉनसून के पहले माह जून में लगभग 95% प्रतिशत वर्षा दर्ज होगी। 

वहीं, जुलाई के महीने में 105% प्रतिशत बारिश होगी। इसके बाद अगस्त में थोड़ी कम 98% प्रतिशत वर्षा होगी। इसके उपरांत सबसे ज्यादा वर्षा की उम्मीद सितंबर माह में 110% प्रतिशत तक है। 

मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में 29 जून तक मूसलाधार बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की चेतावनी जारी कर दी है। यहां जानें आज कहां बारिश होगी। जानकारी के लिए बतादें, कि मौसम ने अपना रुख बदलना चालू कर दिया है। यदि देखा जाए तो मानसून 2023 ने भारत के विभिन्न राज्यों में दस्तक दे दी है। ऐसी स्थिति में IMD ने भी मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी जारी कर दी है। जिससे कि लोग बारिश और गर्मी से अपने आप को बचा कर रख सकें। आइए जानते हैं कि आज आपके शहर में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है।

देश की राजधानी दिल्ली में हुई बारिश

दिल्ली में कल रात्रि से हो रही हल्की बारिश से दिल्ली का मौसम अचानक ठंडा हो गया है। अनुमान यह है, कि आज भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रचंड वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है, कि दिल्ली में बारिश का यह दौर 29 जून तक बना रह सकता है। IMD के अनुसार, आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

भारत के इन क्षेत्रों में प्रचंड बारिश की चेतावनी

ओडिशा में अच्छी-खासी बारिश होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त IMD के अनुसार, आगामी दिनों में मतलब कि 28 और 29 तारीख को असम, मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में हल्की से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग का अनुमान है, कि अगले 2 दिनों के दौरान पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। 28 जून को पूर्वी राजस्थान में तीव्र हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। 26, 27 एवं 29 तारीख तक उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और विदर्भ में हल्की/मध्यम सी बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही, आगामी 2 दिनों के दौरान केरल, कर्नाटक और माहे में भी काफी प्रचंड वर्षा होने की संभावना है।